Pivot Point Strategy Nifty & Bank Nifty options trading - पिवट पॉइंट रणनीति 2025

Pivot Point Strategy Nifty & Bank Nifty options trading - पिवट पॉइंट रणनीति

Pivot Point Strategy Builder in Hindi - पिवट पॉइंट से ट्रेडिंग रणनीति कैसे बनाएं?

पिवट पॉइंट (Pivot Point) एक तकनीकी संकेतक है जिसका उपयोग ट्रेडर सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल निर्धारित करने के लिए करते हैं। यह विशेष रूप से इंट्राडे ट्रेडिंग में लोकप्रिय है। इस लेख में हम जानेंगे कि पिवट पॉइंट से कैसे एक मजबूत ट्रेडिंग रणनीति तैयार की जाती है।

पिवट पॉइंट क्या होता है?

Pivot Point एक तरह का औसत मूल्य स्तर होता है, जो पिछले दिन के हाई, लो और क्लोज प्राइस के आधार पर निकाला जाता है। यह उस दिन के प्रमुख सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों को पहचानने में मदद करता है।

Pivot Point फॉर्मूला:

  • Pivot Point (P) = (High + Low + Close) / 3
  • Resistance 1 (R1) = (2 × Pivot) − Low
  • Support 1 (S1) = (2 × Pivot) − High
  • Resistance 2 (R2) = Pivot + (High − Low)
  • Support 2 (S2) = Pivot − (High − Low)

Pivot Point Strategy Builder कैसे काम करता है?

1. एंट्री प्वाइंट (Entry Point)

जब कीमत Pivot Point से ऊपर जाती है और R1 ब्रेक करती है, तो यह बाय सिग्नल हो सकता है।

2. एग्जिट प्वाइंट (Exit Point)

R2 या उससे ऊपर के लेवल पर ट्रेलिंग स्टॉप लॉस के साथ एग्जिट करें।

3. सेल सिग्नल

यदि कीमत Pivot Point के नीचे जाती है और S1 को ब्रेक करती है, तो यह सेल सिग्नल माना जाता है।

Pivot Point आधारित रणनीति का उदाहरण

मान लीजिए:

  • High = ₹102
  • Low = ₹98
  • Close = ₹100

Pivot Point: (102+98+100)/3 = ₹100

R1: (2×100)−98 = ₹102

S1: (2×100)−102 = ₹98

यदि अगला दिन कीमत ₹102 के ऊपर जाती है और वॉल्यूम बढ़ रहा है, तो यह बाय सिग्नल हो सकता है।

Pivot Point Strategy Builder के मुख्य तत्व

  • Daily High, Low और Close को ट्रैक करें
  • वॉल्यूम और कैंडल पैटर्न की पुष्टि करें
  • Trailing Stop Loss का प्रयोग करें
  • Time Frame: 5min या 15min (इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए)

Pivot Point Calculator टूल्स

आप निम्नलिखित वेबसाइट्स पर Pivot Point Strategy बनाने के लिए मुफ्त टूल्स का उपयोग कर सकते हैं:

  • Investing.com
  • TradingView
  • Chartink.com
  • Moneycontrol

Pivot Point Strategy के फायदे

  • प्रवेश और निकास के स्पष्ट संकेत मिलते हैं
  • इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए आसान और तेज़ निर्णय
  • Support और Resistance की सटीक पहचान

Pivot Point Strategy के नुकसान

  • Volatile मार्केट में गलत संकेत मिल सकते हैं
  • Fibonacci या MACD के साथ कॉन्फर्मेशन आवश्यक

Pivot Point Strategy Tips

  • MACD या RSI के साथ संयोजन करें
  • न्यूज़ या इवेंट से पहले ट्रेडिंग अवॉयड करें
  • Backtesting जरूर करें

FAQs - Pivot Point Strategy in Hindi

Q1: Pivot Point का सबसे अच्छा टाइम फ्रेम क्या है?

उत्तर: इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए 5min, 15min चार्ट उपयुक्त होते हैं। स्विंग ट्रेडिंग में डेली टाइमफ्रेम उपयोगी होता है।

Q2: क्या Pivot Point केवल इंट्राडे में उपयोग होता है?

उत्तर: नहीं, यह स्विंग और पोजिशनल ट्रेडिंग में भी काम आता है।

Q3: क्या पिवट पॉइंट अकेले पर्याप्त है?

उत्तर: नहीं, हमेशा अन्य संकेतकों (जैसे RSI, MACD) के साथ उपयोग करें।

Q4: क्या Zerodha या Upstox में Pivot Point सेट किया जा सकता है?

उत्तर: हां, Zerodha (Kite) और Upstox जैसे प्लेटफॉर्म पर यह चार्ट सेटिंग में उपलब्ध होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Pivot Point Strategy एक सरल लेकिन शक्तिशाली तकनीकी उपकरण है, जो ट्रेडर्स को सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल के आधार पर ट्रेडिंग निर्णय लेने में मदद करता है। यदि आप इंट्राडे या स्विंग ट्रेडर हैं, तो इस रणनीति को अन्य संकेतकों के साथ मिलाकर उपयोग करें और रिस्क मैनेजमेंट को प्राथमिकता दें।

अगर आप जानना चाहते हैं कि किसी ब्रेकआउट के बाद रिटेस्ट और पुलबैक को कैसे पहचानें, तो हमारा यह विस्तृत गाइड जरूर पढ़ें: Retest vs Pullback: Step-by-Step Guide (in Hindi)

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