Retest और Pullback में क्या अंतर है? | Step-by-Step Guide in Hindi
इस Content के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करेंगे।
- Retest क्या होता है
- Pullback क्या होता है
- Retest और Pullback में अंतर
- Retest trading strategy in Hindi
- Pullback trading setup
- शेयर बाजार में Retest और Pullback
- ब्रेकआउट के बाद कीमत उसी स्तर तक वापस आती है।
- यह पुराने सपोर्ट/रेज़िस्टेंस को फिर से टेस्ट करता है।
- यह पुष्टि करता है कि ब्रेकआउट/डाउन फॉल्स (झूठा) नहीं था।
- मूल ट्रेंड के खिलाफ थोड़े समय का मूवमेंट होता है।
- Pullback के बाद कीमत फिर से ट्रेंड की दिशा में जाती है।
- यह Buy the Dip या Sell the Rally के लिए अवसर देता है।
- किसी रेजिस्टेंस/सपोर्ट के ब्रेकआउट की पहचान करें।
- प्रतीक्षा करें कि कीमत उस लेवल पर वापस आए।
- Confirmation कैंडल (जैसे Pin Bar या Bullish Engulfing) की प्रतीक्षा करें।
- Entry करें और स्टॉप लॉस ब्रेकआउट लेवल से नीचे रखें।
- ट्रेंड को पहचानें (उदाहरण: ऊपर की दिशा)।
- प्रतीक्षा करें कि कीमत कुछ प्रतिशत गिरे (e.g., 38.2% Fibonacci)।
- Pullback लेवल पर सपोर्ट खोजें।
- Confirmation आने पर Buy करें और ट्रेंड के अनुसार Target सेट करें।
- Retest क्या होता है
- Pullback क्या होता है
- Retest और Pullback में अंतर
- Retest trading strategy in Hindi
- Pullback trading setup
- शेयर बाजार में Retest और Pullback
Retest और Pullback में क्या अंतर है? | स्टॉक मार्केट में गहराई से समझें
शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय दो शब्द अक्सर सुनने को मिलते हैं – Retest और Pullback। ये दोनों दिखने में एक जैसे लग सकते हैं लेकिन इनकी रणनीतिक उपयोगिता और प्रभाव अलग होते हैं। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि Retest और Pullback क्या होते हैं, इन दोनों में क्या अंतर है, इन्हें कैसे पहचानें, और कैसे इनका उपयोग कर एक मजबूत ट्रेडिंग रणनीति बनाई जा सकती है।
Retest क्या होता है?
Retest वह स्थिति होती है जब किसी ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन के बाद कीमत फिर से उसी स्तर पर लौटती है जिससे वह टूटी थी। इसका मकसद यह देखना होता है कि क्या वह स्तर अब Support या Resistance के रूप में कार्य कर रहा है।
Retest की विशेषताएँ:
Retest का उदाहरण:
मान लीजिए एक स्टॉक ₹100 के रेजिस्टेंस को तोड़ता है और ₹110 तक जाता है। फिर वह वापस ₹100 तक आता है – यह Retest कहलाता है। अगर वह ₹100 से वापस ऊपर जाता है तो यह एक मजबूत Buy Signal हो सकता है।
Pullback क्या होता है?
Pullback एक अस्थायी विपरीत चाल होती है किसी के विरुद्ध। यदि कोई स्टॉक ऊपर जा रहा है और थोड़ी देर के लिए नीचे आता है, तो इसे Pullback कहते हैं। यह ट्रेडर्स को entry point देने का मौका होता है।
Pullback की विशेषताएँ:
Pullback का उदाहरण:
अगर कोई स्टॉक ₹200 से ₹240 तक गया और फिर ₹225 तक आया और फिर ऊपर चला गया, तो ₹225 तक आना एक Pullback कहलाएगा।
Retest और Pullback में अंतर
| मापदंड | Retest | Pullback |
|---|---|---|
| स्थान | ब्रेकआउट/ब्रेकडाउन स्तर पर वापस आना | ट्रेंड के भीतर छोटी वापसी |
| उद्देश्य | ब्रेकआउट की पुष्टि करना | एंट्री पॉइंट देना |
| रणनीति | Confirmation पर एंट्री | डिप पर खरीद या रैली पर बेच |
| विश्वसनीयता | उच्च (confirmation जरूरी) | मध्यम (ट्रेंड आधारित) |
Strategy Analysis: Retest और Pullback के लिए ट्रेडिंग रणनीति
Retest पर ट्रेड कैसे करें?
Pullback पर ट्रेड कैसे करें?
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Step-by-Step Guide: Retest और Pullback को चार्ट पर कैसे पहचानें?
Step 1: ट्रेंड की पहचान करें
पहले देखें कि मार्केट अपट्रेंड में है या डाउनट्रेंड में।
Step 2: सपोर्ट और रेजिस्टेंस मार्क करें
चार्ट पर Horizontal लाइन खींचें जहाँ कीमत बार-बार रुकती रही है।
Step 3: ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन देखें
अगर कीमत सपोर्ट/रेज़िस्टेंस को तोड़ती है, तो Retest संभव है।
Step 4: Candlestick Confirmation का उपयोग करें
Pin Bar, Engulfing जैसे पैटर्न Retest या Pullback की पुष्टि करते हैं।
Step 5: Trade Plan बनाएं
Target, Entry और Stop Loss को पहले से तय करें।
FAQs: Retest और Pullback से जुड़े सवाल
Q1: क्या Retest और Pullback एक ही हैं?
नहीं। दोनों अलग-अलग अवधारणाएं हैं। Retest ब्रेकआउट की पुष्टि करता है, जबकि Pullback एक ट्रेंड के बीच में अस्थायी गिरावट या बढ़त होती है।
Q2: Retest और Pullback कितनी बार होते हैं?
ये बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है। Retest अक्सर Breakout के बाद होता है, जबकि Pullback किसी भी समय हो सकता है।
Q3: क्या Retest और Pullback दोनों पर ट्रेड करना सुरक्षित है?
हाँ, बशर्ते आप सही Confirmation का इंतजार करें और उचित Risk Management अपनाएं।
Q4: कौन सा बेहतर है – Retest या Pullback?
यह आपकी रणनीति और बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है। Retest अधिक Confirmation देता है जबकि Pullback अधिक Frequent होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Retest और Pullback दोनों ही ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। इनकी सही पहचान और रणनीतिक उपयोग से आप बेहतर एंट्री पॉइंट प्राप्त कर सकते हैं और लॉस को कम कर सकते हैं। यदि आप टेक्निकल एनालिसिस को अच्छी तरह समझते हैं और धैर्य रखते हैं तो यह दोनों टूल्स आपकी सफलता की कुंजी बन सकते हैं।
Pro Tip: कभी भी बिना Confirmation के Retest या Pullback पर ट्रेड न करें। चार्ट पढ़ने की आदत डालें और Backtesting जरूर करें।




